"जला है जिस्म,दिल भी जल गया होगा।
कुरेदते हो क्यों अब राख,जुस्तजू क्या है"
"धनी सो पुरुष जस कीर्ति जासू,
फूल मरे पै मरे ना बासू ।"
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